Sunday, May 19th, 2024

हाईकोर्ट और राज्यपाल भी अतिथि विद्वानों से नहीं करा सके वैल्यूशन

भोपाल। 

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय कालेजों में पदस्थ अतिथि विद्वानों से मूल्यांकन नहीं करा रहा है। इससे रिजल्ट का कार्य काफी पिछड़ रहा है। जबकि एक प्रकरण में हाईकोर्ट और राज्यपाल अतिथि विद्वानों से मूल्यांकन कार्य करने के निर्देश जारी कर चुकी हैं। आज भी अतिथि विद्वान वैल्यूशन करने के लिए बीयू के चक्कर काट रहे हैं। 

हाईकोर्ट और राज्यपाल भी उच्च शिक्षा विभाग और कालेजों में जनभागीदारी समिति द्वारा नियुक्त किए गए अतिथि विद्वानों को विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं का वैल्यूशन नहीं करा सके हैं। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने दोनों प्रकार के अतिथि विद्वानों को वैल्यूशन को लेकर अनदेखा कर रखा है। जबकि हाईकोर्ट और राज्यपाल दोनों का कहना है कि दोनों प्रकार के अतिथि विद्वानों की नियुक्ति यूजीसी के मापंदडों के मुताबिक होती है। हाईकोर्ट ने तीन साल के लिए अतिथि विद्वान को एक ही कालेज में पदस्थ करने के आदेश दिए हैं। ऐसी स्थिति होने के बाद भी बीयू अतिथि विद्वानों को कापियों का वैल्यूशन नहीं करा रहा है। जबकि नियमित प्रोफेसरों को जबरिया वैल्यूशन के लिए कापियां धोपी जा रही हैं। वहीं जनभागीदारी समिति द्वारा और विभाग द्वारा नियुक्त अतिथि विद्वानों को नजरअंदाज किया जा रहा है। बीयू पहले नियमित प्रोफेसर, कोड 28 में नियुक्त प्रोफेसरों को कापी दे रहा है। जबकि अतिथि विद्वानों को सिर्फ सेंट्रल वैल्यूशन करने के लिए बीयू बुला रहा है। जबकि नियमानुसार पांच साल तक शैक्ष्णिक अनुभवन होने पर अतिथि विद्वान वैल्यूशन करने की पात्रता रखा है। 

कल तक थे वैध अब हो गए अवैधानिक 

बीयू ने गत वर्ष दोनों प्रकार के अतिथि विद्वानों से वैल्यूशन कराया है। वर्तमान के प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं में उन्हें वैल्यूशन में शामिल नहीं किया जा रहा है। उन्हें ये कहते हुए बाहर किया जा रहा है कि वैल्यूशन होने की पात्रता नहीं रखते हैं। जबकि उन्हें अतिथि विद्वानों से बीयू पूर्व में वैल्यूशन कराकर रिजल्ट तक जारी कर चुका है। 

शासन चाहता जल्द रिजल्ट 

अतिथि विद्वानों के किए जा रहे रुखे व्यवहार को रिजल्ट में होने वाली विलंबता का खामियाजा उठाना पड़ेगा। भेल और एमएलबी को वैल्यूशन के लिए कापी नहीं भेजी गई हैं। जबकि हमीदिया कालेज भी अपने खास लोगों को ही कापियां आवंटित कर रहा है। इससे वैल्यूशन काफी पिछड़ रहा है। अब छठवें सेमेस्टर की परीक्षाओं का वैल्यूशन भी सिर पर आ जाएगा। इसके रिजल्ट में विलंब होने से विद्यार्थी बीएड,बीपीएड और पीजी कोर्स में प्रवेश लेने से वंचित जरुर होंगे। या फिर बीयू की लेटलतीफी के कारण विभाग को अपने दिशा निर्देश बदलना होंगे। 

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